Thursday

मुन्नी और ब्रेड जैम -II

Hiezzz all my dear Readers and Critics!

This is the last post of the year 2015 and I have tried to complete my incomplete maiden short story posted in the previous post. You can read the first part here. So here we go forward with  मुन्नी and her ब्रेड जैम.

मुन्नी और ब्रेड जैम -II


देशी घी का पराठा प्लेट में देख मुन्नी उदास हो गयी | मुन्नी अपनी दादी की लाड़ली थी | और दादी माँ मुन्नी को उदास नहीं देख सकती थी| जब दादी ने मुन्नी की शर्त सुनी की अगर वो एक दिन ब्रेड जैम खाकर देखे और उन्हें ना पसंद आये  तो मुन्नी अगले दिन दूध पराठा खाएगी तब दादी ने सोचा, " ये शैतान अगर रोज़ रोज़ ऐसे बहाने बनाएगी तो काम नहीं चलेगा | ज्यादा मैदा खाएगी तो इसकी सेहत ख़राब होगी , मुझे कुछ और सोचना होगा | " तभी दादी माँ मुन्नी को प्यार से बोली," मुन्नी, अगर तू आज पराठा जैम खाएगी तो मैं भी तेरे साथ नाश्ता करुँगी | बेटा ! मैं ब्रेड नहीं खा सकती | मेरे पेट में मैदा जैम जाएगा तो मैं जल्दी भगवान को प्यारी हो जाउंगी | " ये सुनके मुन्नी थोड़ा डर गयी | वो दादी को बहुत प्यार करती थी| उसने सोचा चलो ठीक है , ब्रेड ना सही पर जैम तो मिल रहा है | तो इस तरह दो पीढ़ियों ने आपस में समझौता किया और एक दूसरे की भावनाओं का सम्मान किया | दादी भी खुश , मुन्नी भी खुश और मम्मी भी खुश |



ज़िन्दगी में बहुत छोटी - छोटी चीज़ों पर बहस करके हम आपस में मनमुटाव कर लेते है | सोचते है की सामने वाला क्यों नहीं हमारी बात मान रहा | और मुन्नी की तरह हम भी कई बार घर पे सिर्फ खाने के लिए बहस करते है | कुछ बच्चे तो गुस्से में खाना ही फेंक देते है और पैर पटकते हुए कमरे में चले जाते है मानो किसी रानी का कोप-भवन हो | ये तो हुई सिर्फ खाने की बात | बहुत बार हम घर, ऑफिस, स्कूल में इसी प्रकार किसी भी छोटी- सी बात पे गुस्सा हो जाते है | जैसे की अगर किसी ने आपको गुड मॉर्निंग  नहीं बोला तो गुस्सा , किसी ने बिना पूछे आपकी पानी की बोतल खाली कर दी तो गुस्सा, किसी ने आपका पेन ले लिया तो गुस्सा, किसी ने आपसे पहले लिफ्ट ले ली तो गुस्सा, किसी ने आपको मजाक में उल्लू बोल दिया तो गुस्सा, किसी ने आपसे फ़ोन पर धीरे बात करने को कहा तो गुस्सा, किसी ने आपके साथ कॉफ़ी पीने से मना कर दिया तो गुस्सा | और भी है ऐसी कई परिस्थितियां है जहाँ हम बेवजह ही अपना खून जलाते है | कभी सामने वाले के नजरिये से भी देखिये, एक मिनट सोच के देखिये क्या वो जो कह रहा है सही है, क्या वो किसी सही कारणवश आपके साथ नहीं चल सकता , क्या सच में आपके ज़ोर से बोलने के कारण उसका सिरदर्द हो रहा है , क्या वो सच में जल्दी में है , क्या वो सच में नहीं जनता था की उसके ऐसा करने से आप गुस्सा होंगे| बस एक मिनट का मनन और आपका १ किलो खून नहीं जलेगा | खुश रहिये औरों को भी खुश रखिये | छोटी - छोटी चीज़ों में खुशियां ढूंढिए बजाय किसी बड़ी ख़ुशी के इंतज़ार में वक़्त बरबाद करने के | 


कुछ  लोग  जहाँ  जाते  हैं  वहां  खुशियाँ  लाते  हैं  , कुछ  लोग  जब  जाते  हैं  तब  खुशियाँ  लाते  हैं |
-  आस्कर  वाइल्ड
Some cause happiness wherever they go; others whenever they go.

- Oscar Wilde 

तो आप कौन से लोग है ??
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Fellas! take a resolution this year for being more rational than being stupid. Think before acting, think before reacting. Be calm and you will find the peace bringing in prosperity and happiness.

A very Happy, Prosperous, Promising and Rocking 2016 to you all  !
lllpp    pplll
Öbrìgadò!
JJJ
 

2 comments:

  1. Very well written.
    Keep writing always.
    God Bless You

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  2. Superb..
    Salam h aapke talent ko :-)
    Keep writing.

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